मृदा स्वास्थ्य परीक्षण पर कार्यशाला : JNV चिस्दा में विद्यार्थियों ने सीखी वैज्ञानिक तकनीक।

मृदा स्वास्थ्य परीक्षण पर कार्यशाला : JNV चिस्दा में विद्यार्थियों ने सीखी वैज्ञानिक तकनीक चिस्दा। “पायलेट प्रोजेक्ट ऑन स्कूल सॉयल हेल्थ” के अंतर्गत PM SHRI जवाहर नवोदय विद्यालय चिस्दा में आज कृषि विभाग, विकासखंड जैजैपुर (जिला सक्ती) द्वारा मिट्टी के स्वास्थ्य परीक्षण विषय पर एक महत्वपूर्ण एवं ज्ञानवर्धक प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में कक्षा 9 एवं 11 के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।कार्यक्रम में कृषि विभाग से श्री आर. एन. कोशले (ADO–Hasaud), श्री चंद्रकांत कश्यप (RAEO–Hasaud), श्री विनोद कुमार (RAEO–Ghivra) तथा विद्यालय से श्री एस. के. कश्यप (PGT Geo), श्री के. के. पटेल (PGT Chem) एवं श्री दीपेश दुबे (TGT Agri) श्री हितेंद्र निषाद (संगीत प्रशिक्षक) उपस्थित थे।मुख्य प्रशिक्षक श्री चंद्रकांत कश्यप ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) द्वारा प्रतिवर्ष 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य स्वस्थ मिट्टी के संरक्षण और टिकाऊ उपयोग के प्रति विश्वव्यापी जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि मिट्टी पारिस्थितिक तंत्र की आधारशिला है और उसके स्वास्थ्य का सीधा प्रभाव संपूर्ण जैवमंडल पर पड़ता है।कार्यशाला में विद्यार्थियों को मिट्टी के मेजर, माइक्रो एवं आवश्यक 17 पौध पोषक तत्व, प्राकृतिक कार्बन, NPK, मिट्टी में पाए जाने वाले सूक्ष्म पोषक तत्व (Zn, Fe, B, Mo, Mn, Ni) तथा जैविक खाद—हरी खाद, पोल्ट्री खाद एवं गोबर खाद—का महत्व समझाया गया। प्रशिक्षकों ने चेताया कि रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग भूमि को प्रदूषित कर रहा है, जिससे उपज की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। इसलिए जैविक खेती ही वर्तमान समय की टिकाऊ आवश्यकता है।विद्यार्थियों को मिट्टी सैंपलिंग की वैज्ञानिक तकनीक—Z-पैटर्न में चयन, 15 सेमी गहराई का V-आकार गड्ढा, पेड़ की छाया से दूरी, तथा 500 ग्राम मिश्रित मिट्टी तैयार कर लैब परीक्षण की प्रक्रिया—का प्रत्यक्ष प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में बताया गया कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी साधन है, जिसके माध्यम से संतुलित उर्वरक उपयोग सुनिश्चित किया जा सकता है।विद्यालय के शिक्षक श्री एस. के. कश्यप ने प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग और संरक्षण को आवश्यक बताते हुए कहा कि मृदा संसाधन Sustainable Development Goals (SDGs) को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विद्यार्थियों को समाज में मिट्टी संरक्षण के संदेशवाहक बनने की प्रेरणा दी गई।विद्यालय के प्राचार्य श्री दिलीप कुमार ठाकुर ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए भविष्य में मिट्टी के नमूने एकत्रित कर लैब में परीक्षण हेतु पुनः कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कृषि विभाग एवं विद्यालय टीम के प्रति आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ, जिससे उनमें वैज्ञानिक कृषि पद्धति, मृदा संरक्षण तथा मिट्टी परीक्षण के महत्व की नई समझ विकसित हुई।
