
जैजैपुर तहसीलदार का हो रहे वीडियो वायरल की पड़ताल पिछले कुछ दिनों से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बताया गया है कि जैजैपुर तहसीलदार नंदकिशोर सिन्हा ने रिश्वत लेने की कोशिश की है। यह आरोप दिलीप चंद्रा द्वारा लगाया गया है जो कि एक शिक्षक है। दिलीप चंद्रा का बयान तहसीलदार ने काम पूरा करने के लिए उनसे 20000 ₹ लिए हैं। जो उनके ड्राइवर के फोन पे पर किया गया था।
तहसीलदार का बयान
वायरल वीडियो मैंने देखा उसमे मेरी ले देन कही नहीं है निजता भंग जरूर हुआ है वीडियो दिलीप चंद्रा ने बनाया है और उसी ने वायरल किया है दिलीप शातिर और आपराधिक प्रवृत्ति का है उसने पहले मूल प्रकरण को रिकॉर्ड रूम से गायब किया फिर उसका एकमात्र साक्ष्य उसका प्रमाणित प्रतिलिपि को न्यालय से गायब किया फिर अपने केस मे दबाव बनाने वीडियो बनाया अपने सभी आपराधिक कृत्यो को दबाने वीडियो वायरल करने का धमकी देता रहा और अंततः उद्देश्य पूरा न होने पर वीडियो वायरल कर दिया दिलीप चंद्रा ने उनसे 20000₹ ड्राइवर के माध्यम रिश्वत लेने की बात कही है ड्राइवर दुर्गेश ने दिलीप से 20000₹ फोन पे से उधार लिए थे जिसे वह 8 मई को वापस भी कर चुका है। यह लेन देन दिलीप के भाई संतोष चंद्रा के समक्ष हुआ इस लेन देन से मेरा मेरा कोई सम्बन्ध नहीं है वीडियो चार माह पूर्व बनाया गया है जिसके आधार पर उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश भी की गयी ज़ब दिलीप के सभी कृत्य न्यायालय मे तार तार हो गया तब दिलीप समझौता के लिए मेरे पास आके निवास मे समझौता कराने का निवेदन किया निराकरण के लिए सबसे पहले समझौता का रास्ता को हमेशा महत्व देता हु तो सहयोग दिया गया जिसमे रजिस्ट्री द्वारा ज़मीन वापस करना और रजिस्ट्री मे होने वाले खर्च दिलीप को देना तय हुआ उसी सेवा शुल्क को वीडियो मे पूछा गया जिसे शातिर दिलीप रिश्वत के रूप मे परिभाषित कर रहा है दास्तांवेज चोरी का ज्ञापन थाना मे दिया गया है अब तक कार्यवाही नहीं हुई है अब न्यायालय मे वाद प्रस्तुत किया जायेगा और निजता भंग का केस भी लगाया जायेगा तहसीलदार के द्वारा दिए गए बयान के मुताबिक जो वीडियो वायरल हो रहा है वह बेबुनियाद है।
सक्ती समाचार का अवलोकन
हमने भी दस्तावेज का अवलोकन किया वीडियो का भी अवलोकन किया मामला जब 2 महीने पहले का है तो अभी वायरल किया जाना ब्लैकमेलिंग जैसे कृत्य की ओर इशारा करता है प्रतीत होता है कि दो महीने में किसी प्रकार का वांचित प्रयास सफल नहीं होने पर वीडियो को वायरल किया गया वीडियो में लेनदेन तो स्पष्ट नहीं है लेकिन नीजता भंग किया जाना स्पष्ट है यदि किसी को रिश्वत लेना होता है तो उसका प्रयास रहता है कि किसी प्रकार का साक्ष्य न रहे फोन पे पर रिश्वत लेना गले से नहीं उतरती यदि रिश्वत का मांग किया गया था उनका पक्ष स्वच्छ था तो सक्षम कार्यालय में समय पर शिकायत प्रस्तुत करना था जैसा कि तहसीलदार द्वारा बताया गया तथा साक्ष्य उपलब्ध कराया गया जिसके अनुसार न्यायालय से अपने विरोधी का दस्तावेज गायब किया जाना कानूनी अपराध है यह कृत्य तथा चोरी छुपे वीडियो बनाना अपराधिक कृत्य के श्रेणी में आता है एक जिम्मेदार शिक्षक इस प्रकार की कृत्यो का मालिक है जिनके ऊपर नन्हे बच्चों को संस्कारित करने का जिम्मेदारी है सत्यो की परख कर कार्यवाही किया जाना चाहिए जिससे न्याय व्यवस्था प्रशासनिक व्यवस्था बनी रहे