गरियाबंद

शिकायत धरी रह गई और बाजार क्षेत्र की शासकीय भूमि पर तन गई पक्की दुकान

शिकायत धरी रह गई और बाजार क्षेत्र की शासकीय भूमि पर तन गई पक्की दुकान

पालिका अधिकारी ने नही की कोई कार्यवाही 

पंद्रह दिन पहले अतिक्रमण के शिकायत आवेदन पर, नगर पालिका सीएमओ गिरीश कुमार चंद्रा ने कहा की, पत्र मुझ तक नही पहुंचा है  , आवक जावक शाखा में ही होगा। 

गरियाबंद। नगर पालिका परिषद गरियाबंद के वार्ड नं 09 में वर्षो पुराना सब्जी मार्केट है ,विगत कई वर्षों से यहां साप्ताहिक बाजार लगता रहा है, बल्कि अब तो यहां रोजाना सब्जी मार्केट लगता है। 

ग्राम पंचायत काल से ही इस बाजार एरिया में अतिक्रमण चल रहा है, बहुत से लोगों ने बाजार की इस सार्वजनिक जमीन पर अतिक्रमण करते हुये पक्की दुकाने और घर बना लिये है।

ग्राम पंचायत के बाद नगर पंचायत और फिर नगर पालिका परिषद का गठन होते तक ,इस सब्जी मार्केट में अवैध अतिक्रमण की संख्या और क्षेत्र फल इतना बढ़ गया कि अब यहां साप्ताहिक बाजार के दिन या सामान्य दिनों में भी शाम के वक्त , पैदल चलना दुष्कर हो गया है।

पालिका प्रशासन के द्वारा नाम मात्र कभी कभार अतिक्रमण पर कार्यवाही की गई , इस कार्यवाही की चपेट में सब्जी पसरा लगाये आस पास के छोटे मोटे किसान या ठेले-खोमचे वाले ही आये।

रसूखदारों के पक्के अतिक्रमण पर कार्यवाही का बुलडोजर कभी नहीं चल पाया।

बात हो चली थी, दर -गुजर चल रहा था, किन्तु आज जिला मुख्यालय बनने के बाद भी अतिक्रमित भूमि पर पक्का निर्माण किया जाना सवाल खड़े करता है। 

इधर सुशासन तिहार के बीच छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ,शिकायतों समस्याओं के समाधान के लिये प्रतिबद्धता के दावे के साथ अभियान चलाए हुये है, और उधर अफसर है कि हाथों हाथ दिये गये शिकायती आवेदनों पर उचित कानूनी कार्यवाही से बच रहे है।

नगर के बीच सब्जी बाजार में पिछले दो महीने से एक दुकान का अवैध निर्माण कार्य चल रहा है, 15 दिन पहले नगर के नागरिक दिलीप नेताम ने मुख्य नगर पालिका अधिकार के नाम अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध शिकायती पत्र दिया, कार्यवाही शून्य है। निर्माण पूरा हो गया। साहब कहते हैं मुझ तक पत्र पहुंचा ही नहीं ?

पालिका के राजस्व प्रभारी पुरुषोत्तम चंद्राकर ने आवेदन के संदर्भ में अनभिज्ञता जाहिर की,
जबकि सीएमओ गिरीश कुमार चंद्रा ने कहा कि मुझ तक आवेदन पहुंचा ही नहीं, आवक – जावक शाखा में ही होगा ?

साहब ये कैसी आवक जावक शाखा है जो पत्रों को पंद्रह -पंद्रह दिनों तक अपने पास ही संजोये बैठी है। आवेदनों पर शहद लगा होता, तो संबंधित शाखा प्रभारी का, उन कागजों को 15 दिनों तक चाटते बैठे रहना समझ आता है, पर ऐसी तो कोई बात है ही नहीं। 

इस मामले में पालिका अध्यक्ष रिखीराम यादव से बात की गई तो उन्होंने अतिक्रमण पर सख्त कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

जबकि आवेदक का कहना है कि यदि कार्यवाही नहीं की गई तो वह पालिका अधकारी की शिकायत उच्च अधिकारियों से करेगा। जरूरत पड़ी तो जिले के प्रभारी मंत्री को अवगत किया जायेगा।

Khilawan Prasad Dwivedi

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