
अंतर्राष्ट्रीय
वैश्विक संघर्षों के बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र में किया बदलाव का आह्वान, कहा ‘जरूरी हैं सुधार’
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र अगले साल अपनी 80वीं वर्षगांठ पूरी कर रहा है। इस बीच भारत इस बात पर जोर दिया है कि वर्तमान एवं भविष्य की वैश्विक चुनौतियों से निपटने में संगठन की ‘प्रासंगिकता’ बनाए रखने के लिए इसमें सुधार करना जरूरी है। इस साल दुनियाभर के नेताओं ने वैश्विक शासन में बदलाव और सतत कार्रवाई को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी समझौतों पर हस्ताक्षर किए। जब विश्व के नेता सितंबर में महासभा के उच्च स्तरीय 79वें सत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एकत्र हुए, तो उन्होंने ऐतिहासिक ‘भविष्य की संधि’ को सर्वसम्मति से अपनाया। इस दस्तावेज में शांति और सुरक्षा, सतत विकास से लेकर जलवायु परिवर्तन, डिजिटल सहयोग, मानवाधिकार, लैंगिक मामलों, युवा एवं भावी पीढ़ियों तथा वैश्विक शासन में परिवर्तन से जुड़े विषयों को शामिल किया गया है।