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Periods मिस होने के पीछे हो सकते हैं ये 6 कारण जिम्मेदार, यहां पढ़ें कब करवाना चाहिए टेस्ट

आमतौर पर, जब किसी महिला को पीरियड्स मिस होते हैं, तो सबसे पहला ख्याल प्रेग्नेंसी का आता है। पीरियड्स न होने के हमेशा प्रेग्नेंसी का लक्षण माना जाता है। इस कारण पीरियड्स मिस होने को प्रेग्नेंसी से जोड़कर देखा जाने लगा है। हालांकि, हर बार यह सच हो ऐसा जरूरी नहीं है। पीरियड्स मिस होने के पीछे और भी कई कारण  हो सकते हैं, जिन पर अक्सर महिलाएं ध्यान नहीं देती हैं। इन्हीं कारणों के बारे में हम आइए विस्तार से जानते हैं इन कारणों  के बारे में हम यहां जानेंगे।

  • थायरॉइड समस्याएं- थायरॉइड ग्लैंड से निकलने वाला हार्मोन मेंस्ट्रुअल साइकिल को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। हाइपोथायरॉइडिज्म (अंडरएक्टिव थायरॉइड) या हाइपरथायरॉइडिज्म (ओवरएक्टिव थायरॉइड) दोनों ही पीरियड साइकिल को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए पीरियड मिस होना थायरॉइड से जुड़ी समस्या का भी संकेत हो सकता है।
  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)- पीसीओएस एक हार्मोनल डिसऑर्डर है, जो महिलाओं में अनियमित पीरियड्स, ज्यादा बाल आना और मुंहासों जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए अगर बार-बार पीरियड्स मिस हो रहे हैं, जो डॉक्टर से मिलकर PCOS के टेस्ट करवाएं।
  • प्रोलैक्टिन का स्तर बढ़ना- प्रोलैक्टिन एक ऐसा हार्मोन है, जो ब्रेस्टफीड के दौरान दूध बनने को बढ़ावा देता है, लेकिन अगर इसका स्तर बहुत ज्यादा हो जाए, तो यह मेंस्ट्रुअल साइकिल को बाधित कर सकता है।

ज्यादा स्ट्रेस के कारण कॉर्टिसोल हार्मोन का बढ़ सकता है, जो रिप्रोडक्टिव हार्मोन को प्रभावित करता है और मेंस्ट्रुअल साइकिल को अनियमित बना सकता है। कुछ दवाएं जैसे कि गर्भ निरोधक गोलियां, एंटी-साइकोटिक दवाएं, और कुछ प्रकार के स्टेरॉयड भी मेंस्ट्रुअल साइकिल को प्रभावित कर सकते हैं। यदि आपको लगातार दो या दो से ज्यादा महीने तक पीरियड्स मिस हो रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर आपके लक्षणों के आधार पर जरूरी टेस्ट करवाएंगे और आपको दवाएं दे सकते हैं।

 

 

 

Khilawan Prasad Dwivedi

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