
EPFO Rule: जॉब चेंज के साथ क्या UAN भी बदल जाता है, क्या कहता है ईपीएफओ का नियम
ईपीएफओ हर मुमकिन कोशिश करता है कि वह अपने सदस्यों का अच्छे से अच्छी सर्विस दे। इसके लिए ईपीएफओ जल्द ही 3.0 प्रोजेक्ट ला सकता है। ईपीएफओ को लेकर कई लोगों के मन में एक सवाल बना रहता है कि जब भी जॉब चेंज होती है तो फिर ईपीएफओ में निवेश के लिए न्यू यूएएन नंबर जनरेट करना पड़ता है। इसको लेकर लोगों के मन में कन्फ्यूजन बनी रहती है। हम आपको नीचे इस सवाल का जवाब देंगे। इसका जवाब जानने से पहले जान लेते हैं कि आखिर यूएएन नंबर क्या है।
यूएएन नंबर एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर होता है जो ईपीएफओ द्वारा जारी किया जाता है। यह नबंर 12 डिजिट का होता है। हर ईपीएफओ के पास यूनिक यूएएन नंबर होता है। यह एक तरह से बैंक अकाउंट नंबर की तरह काम करता है। इस नंबर के जरिये ईपीएफओ फंड से निकासी और ईपीएफओ अकाउंट को ट्रांसफर करने में मदद मिलती है।
ईपीएफओ ने इसको लेकर सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट शेयर किया। इस पोस्ट के अनुसार अगर आप जॉब चेंज करते हैं तो आपको यूएएन नंबर चेंज करवाने की जरूरत नहीं है। दरअसल, एक ईपीएफ अकाउंट पर एक ही यूएएन नंबर जारी होता है। अगर किसी मेंबर के पास दो ईपीएफओ अकाउंट होता है तो उन्हें उसे इन अकाउंट को मर्ज करवाना होता है। दरअसल, ईपीएफओ के नियमों के अनुसार प्रत्येक कर्मचारी के पास केवल एक ही पीएफ अकाउंट होना चाहिए।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के साथ मिलकर एक अभियान शुरू किया है। इस अभियान के अनुसार सभी कर्मचारियों को अपना यूएएन नंबर एक्टिव रखना होगा। अगर यूएएन नंबर एक्टिव नहीं रहता है तो ईपीएफओ मेंबर को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, ईपीएफओ ने यूएएन नंबर एक्टिव रखने की डेडलाइन 30 नवंबर 2024 दी थी, जो अब बीत चुकी है।