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5 मौके, जब मतलबी बनने में नहीं होती कोई बुराई! Selfish होकर कई परेशानियों का मिल जाता है हल

हमेशा से ही ‘स्वार्थी’ शब्द को नेगेटिव प्वाइंट में लिया जाता है। हम अक्सर खुद की जरूरतों और इच्छाओं को दरकिनार करके दूसरों की भलाई के लिए काम करते हैं, लेकिन आप खुद सोचिए कि क्या यह हमेशा सही है सोशल मीडिया के जमाने में कई लोग सेल्फ केयर को सिर्फ त्वचा और बालों की देखभाल तक सीमित कर देते हैं। जबकि सेल्फ केयर में फिजिकल और मेंटल दोनों तरह की हेल्थ का ख्याल रखने की जरूरत होती है।

मतलबी होने से बचने के लिए अपनी और अपनी सेहत को नजरअंदाज करना गलत है। थोड़ा सेल्फिश होना आपकी इमोशनल, मेंटल और फिजिकल हेल्थ के लिए फायदेमंद हो सकता है। अगर कोई आपको सेल्फ केयर के लिए स्वार्थी कहता है, तो इसकी परवाह बिल्कुल न करें। आइए आपको ऐसे 5 मौकों  के बारे में बताते हैं जब मतलबी होने में भी फायदे का सौदा होता है।

अपनी भलाई का ध्यान ‘सेल्फिश’ होना नहीं बल्कि ‘सेल्फ-लव’ है। जब हम खुद को खुश और हेल्दी रखते हैं, तभी हम दूसरों की मदद कर पाते हैं। अगर आप थके हुए, बीमार या स्ट्रेसफुल हैं, तो सोचिए आप दूसरों के लिए कैसे कुछ कर पाएंगे? इसलिए अपनी फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर ध्यान देना, हेल्दी डाइट और भरपूर नींद लेने के साथ-साथ और अपने लिए वक्त निकालना भी स्वार्थी होना नहीं बल्कि जरूरी है।

हर व्यक्ति की कुछ बाउंड्रीज होती हैं। जब हम दूसरों की मदद करने के चक्कर में अपनी बाउंड्रीज को पार कर जाते हैं, तो हम खुद को ही नुकसान पहुंचा बैठते हैं। इसलिए, अपनी क्षमताओं को जानना और उसके मुताबिक काम करना बहुत जरूरी है। अगर आप किसी काम को करने में काबिल नहीं हैं, तो इसे मना करने में कोई बुराई नहीं है।

अपने गोल्स को अचीव करने के लिए मेहनत करना और इसपर अड़े रहना मतलबी होना नहीं है। यह आपका अधिकार है कि आप अपनी लाइफ में कुछ हासिल करें। जब आप अपने गोल्स को अचीव करते हैं, तो आप न सिर्फ खुद को बल्कि अपने परिवार और समाज को भी फायदा पहुंचाते हैं।

दूसरों को खुश करने की कोशिश में हम अक्सर अपनी खुशी को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह सही नहीं है। अपनी खुशी को प्रायोरिटी देना भी उतना ही जरूरी है जितना दूसरों की खुशी का ख्याल रखना। जब आप खुश होंगे, तभी आप दूसरों को भी खुश कर पाएंगे। अपनी वैल्यूज पर अडिग रहना और गलत चीजों को सहन न करना सेल्फिश नहीं बल्कि आत्म सम्मान की निशानी है। जब आप अपनी वैल्यूज के लिए खड़े होते हैं, तभी आप दूसरों को भी मोटिवेट कर सकते हैं।

  • स्वार्थी होने का मतलब यह नहीं है कि हम दूसरों की परवाह न करें। इसका मतलब यह है कि हम अपनी जरूरतों को भी दूसरों की जरूरतों के बराबर महत्व दें।
  • स्वार्थी होना और घमंडी होना दो अलग-अलग चीजें हैं। घमंडी व्यक्ति दूसरों को नीचा दिखाता है, जबकि स्वार्थी व्यक्ति सिर्फ अपनी जरूरतों पर ध्यान देता है।
  • स्वार्थी होने का मतलब यह नहीं है कि हम हमेशा अपने बारे में ही सोचें। इसका मतलब यह है कि हम अपनी खुशी को भी तवज्जो दें।

Khilawan Prasad Dwivedi

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